सरसों के तेल में अचानक आई गिरावट बाजार मे Retail Bazaar

नमस्कार दोस्तों मेरे नए ब्लॉक में आपका स्वागत है
 सरसों का तेल भारतीय किचन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण है हर किचन में सरसों का तेल पाया ही जाता है हर प्रकार के व्यंजन के लिए। सरसों का तेल का उपयोग भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार पश्चिम बंगाल अन्य राज्यों में उपयोग पर स्तर पर किया जाता है। लेकिन आपको बता दें सरसों के तेल में अचानक आई गिरावट बाजार में नया स्टॉक आने से और सरकार की कुछ नीतियां के चलते तेल में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। और भारतीय सरकार द्वारा न्यू स्टॉक रिलीज करने के कारण ही गिरावट देखने को मिल पा रही है। सरसों का तेल के गिरावट क्यों हो रही है इससे आम आदमी को क्या फायदा होने वाला है सरल भाषा में विस्तार से आप जान सकते हो 2025 सरसों का तेल का रेट प्रमुख इन बातों पर निर्भर करता है दोस्तों जैसे कि आपको पूरी समरी के द्वारा बताया जाएगा हम विस्तार से बने रहे हमारे आर्टिकल में। आई जानिए प्रमुख मंडी के भाव और रोस्ट सरसों का तेल रेट लिस्ट।
 _ औसत कीमत( सितंबर2023 ): 15400/क्विंटल
 _ न्यूनतम मंडी भाव ₹14350/क्विंटल
 _ उच्चतम भाव मंडी ₹18332/क्विंटल
 सरकारी मीडिया के अनुसार ₹14500 से लेकर ₹16000 रुपए प्रति क्विंटल देखने को मिला है। आई जानिए Retail Market के अंदर सरसों का तेल का क्या रेट होगा। Retail market सरसों तेल का रेट ₹152 से ₹150/किलो देखने को मिला। जहां आम नागरिकों को सरसों के तेल में गिरावट से राहत मिली है। पर इसका कारण क्या है इसके कारण के पीछे की वजह जानने की कोशिश करते हैं। सरसों के तेल में गिरावट के पीछे कई कारण है: नई फसल मार्केट में आने से. साथ में बेहतर गुणवत्ता के चलते साथ में अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है स्थिर है एक जगह जिसके चलते आयात में बड़ा बदलाव को देखने को नहीं मिल पाया जिससे सप्लाई चैन सुचारू रूप से चल रही है। जिससे कीमती गिरावट देखने को मिल रही है। राज्य और शहरों के रेट सरसों के तेल के। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल साथ में मध्य प्रदेश गांव चीजों के कम रहे। राज्यों के सरसों तेल के रेट रिटेल मार्केट रेट सरकार के नए नियम व स्टॉक रिलीज से भाव रुक-रुक कर घट-बढ़ रहा है मुख्य कारण – गिरावट के पीछे सरसों तेल की कीमतों में आई गिरावट के पीछे कई कारण रहे: नई और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल का आगमन हुआ है, जिससे आपूर्ति बढ़ी है सरकार ने बाजार में स्टॉक रिलीज कर दामों को कंट्रोल करने की पहल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के रेट स्थिर है। जिससे घरेलू बाजार में भी दबाव बना है गिरावट का, आयात में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जिससे सप्लाई चेन सुचारू रही है उपभोक्ता मांग में अधिक गिरावट नहीं आई, जिससे कीमतें सामान्य रहीं मंडी भाव राज्य/शहर में सरसों तेल के रेट अलग-अलग रहे हैं। सबसे ज्यादा रेट उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में देखे गए, जबकि मध्य प्रदेश में भाव चीज़ें कम रहीं।
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